सावधान! महंगा पड़ सकता है स्वाद के पीछे भागना

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डॉ. एमपी शर्मा.
आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में लोग फास्ट फूड और जंक फूड को पसंद करने लगे हैं। बर्गर, पिज्जा, कोल्ड ड्रिंक्स और चिप्स जैसे खाद्य पदार्थ न केवल जल्दी उपलब्ध होते हैं बल्कि स्वाद में भी लुभावने लगते हैं। लेकिन, क्या आपने सोचा है कि यह स्वादिष्ट खाना आपके शरीर को अंदर से कितना नुकसान पहुंचा रहा है?
जंक फूड में मौजूद अधिक वसा, चीनी और नमक न सिर्फ मोटापा बढ़ाते हैं, बल्कि हृदय रोग, डायबिटीज, और यहां तक कि कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा भी बढ़ा सकते हैं। ऐसे में यह जरूरी हो जाता है कि हम अपनी खानपान की आदतों पर ध्यान दें और जंक फूड को सीमित कर संतुलित और पौष्टिक आहार को अपनाएं। आइए, इस लेख में जानें कि जंक फूड क्या है, इसके फायदे (अगर कोई हों), नुकसान और इससे बचने के उपाय क्या हो सकते हैं।

ज की तेज़ रफ्तार ज़िंदगी में जंक फूड बेहद लोकप्रिय हो गया है। लोग स्वाद, सुविधा और जल्दी उपलब्धता के कारण इसे अधिक पसंद करते हैं, लेकिन स्वास्थ्य पर इसके दुष्प्रभाव गंभीर हो सकते हैं।
जंक फूड क्या होता है?
ऐसे खाद्य पदार्थ जिनमें अधिक मात्रा में वसा, शुगर, नमक, ट्रांस फैट और प्रिजर्वेटिव्स होते हैं, लेकिन पोषक तत्वों की कमी होती है, उन्हें जंक फूड कहा जाता है। जैसे-
फास्ट फूड: बर्गर, पिज़्ज़ा, फ्रेंच फ्राइज़, नूडल्स
पैकेज्ड स्नैक्स: चिप्स, नमकीन, बिस्किट, चॉकलेट
कोल्ड ड्रिंक्स: कोला, सोडा, एनर्जी ड्रिंक्स
तले हुए पदार्थ: समोसा, कचौड़ी, पकोड़े
प्रोसेस्ड फूड: इंस्टेंट नूडल्स, फ्रोजन फूड, केक, पेस्ट्री
जंक फूड के फायदे (अगर कोई हों तो)
वैसे तो जंक फूड स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है, लेकिन कुछ लोग इसे बेहद पसंद करते हैं, क्योंकि यह सर्वसुलभ है। जंक फूड आसानी से बाजार में मिलता है और इसे बनाने में ज्यादा समय नहीं लगता। बिज़ी लाइफस्टाइल वाले लोग इसे खाना पसंद करते हैं। इसमें अधिक मसाले, मिठास, और तली हुई चीज़ें होती हैं, जिससे यह बहुत स्वादिष्ट लगता है। बच्चे और युवा इसे ज़्यादा पसंद करते हैं। त्वरित ऊर्जा प्रदान करता है इसमें उच्च कैलोरी होती है, जिससे शरीर को तुरंत ऊर्जा मिलती है। हालांकि, यह ऊर्जा बहुत जल्द खत्म हो जाती है और व्यक्ति को बार-बार भूख लगती है।
जंक फूड के हानिकारक प्रभाव
जंक फूड खाने की आदत से कई स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। मोटापा और वज़न बढ़नारू जंक फूड में अधिक मात्रा में कैलोरी, वसा और शुगर होती है, जिससे वजन तेजी से बढ़ता है। शरीर में अतिरिक्त चर्बी जमा हो जाती है, जिससे मोटापे की समस्या होती है। हृदय रोगों का खतरारू इसमें ट्रांस फैट और खराब कोलेस्ट्रॉल अधिक होते हैं, जो दिल की धमनियों को बंद कर सकते हैं। हाई ब्लड प्रेशर और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है। जंक फूड में मौजूद रिफाइंड कार्बाेहाइड्रेट और शुगर ब्लड शुगर को तेजी से बढ़ाते हैं। अधिक मात्रा में खाने से इंसुलिन रेजिस्टेंस हो सकता है, जिससे डायबिटीज़ हो सकती है। इनमें फाइबर की कमी होती है, जिससे कब्ज, अपच और एसिडिटी हो सकती है। प्रोसेस्ड फूड खाने से आंतों में खराब बैक्टीरिया बढ़ सकते हैं, जिससे पाचन खराब हो जाता है।
मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव: ज्यादा जंक फूड खाने से थकान, चिड़चिड़ापन, तनाव और डिप्रेशन हो सकता है। इसमें मौजूद रासायनिक तत्व दिमाग पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं।
लिवर और किडनी को नुकसान: अत्यधिक जंक फूड खाने से फैटी लिवर हो सकता है। इनमें मौजूद अधिक नमक किडनी पर दबाव डालता है, जिससे गुर्दे की बीमारियां हो सकती हैं।
हड्डियों और दांतों पर बुरा प्रभाव: कोल्ड ड्रिंक्स और जंक फूड में मौजूद एसिड और शुगर दांतों को कमजोर कर सकते हैं। शरीर में कैल्शियम की कमी से हड्डियां कमजोर हो सकती हैं।
कैंसर का खतरा: कुछ रिसर्च में पाया गया है कि अधिक जंक फूड खाने से आंत, पेट और लिवर कैंसर का खतरा बढ़ सकता है। प्रोसेस्ड मीट, अधिक तला हुआ खाना और केमिकल युक्त फूड सबसे ज्यादा खतरनाक होते हैं।
जंक फूड से बचने के लिए क्या करें?
घर का बना खाना खाएं: घर पर ताजा, संतुलित और पोषक आहार को प्राथमिकता दें।
ताजे फल और सब्जियों का सेवन करें: इनमें प्राकृतिक विटामिन, मिनरल और फाइबर होते हैं, जो शरीर के लिए फायदेमंद हैं।
फास्ट फूड की जगह हेल्दी स्नैक्स चुनें: जंक फूड की जगह सूखे मेवे, भुने चने, मखाने, दही, मूंगफली आदि खाएं।
जंक फूड को सीमित करें: यदि पूरी तरह से न छोड़ पाएं, तो इसे कभी-कभार खाएं, न कि रोज़ाना।
कोल्ड ड्रिंक्स की जगह ताजे जूस और छाछ पीएं: मीठे पेय पदार्थों की जगह नींबू पानी, नारियल पानी, ग्रीन टी और छाछ पीएं।
फाइबर युक्त आहार लें: साबुत अनाज, दालें, हरी सब्जियां और फल खाएं, ताकि पाचन अच्छा बना रहे।
अंततः, जंक फूड स्वादिष्ट तो होता है, लेकिन यह स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक होता है। यदि इसे कभी-कभार खाया जाए तो ठीक है, लेकिन इसे रोज़ाना खाने की आदत मोटापा, हृदय रोग, डायबिटीज़, मानसिक तनाव और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बन सकती है। इसलिए, संतुलित और प्राकृतिक आहार को प्राथमिकता दें और स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं।
-लेखक सुविख्यात सर्जन और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन राजस्थान के प्रदेशाध्यक्ष हैं

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