बंजर भूमि को बना सकेंगे खेती लायक, जानिए….कैसे ?

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प्रदेश में गिरते भू-जल स्तर के कारण खेती-किसानी पर सीधा असर पड़ रहा है। सिंचाई की समस्या से निपटने के लिए राज्य सरकार द्वारा कई योजनाऐं चला रही है। इसी कड़ी में खेतों में फार्म पौण्ड बनाने पर राज्य सरकार द्वारा किसानों को 1 लाख 35 हजार रूपये तक का अनुदान दिया जा रहा है। फार्म पौण्ड में सिंचाई के लिए बारिश के पानी का संचय किया जाता है। बंजर पड़ी भूमि को खेती लायक बनाने के लिए इसका अहम उपयोग है। कृषि आयुक्त कन्हैया लाल स्वामी ने बताया कि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं सीमान्त कृषकों को इकाई लागत का 70 प्रतिशत या अधिकतम 73 हजार 500 रूपये कच्चे फार्म पौण्ड पर तथा 90 प्रतिशत या 1 लाख 35 हजार रूपये प्लास्टिक लाईनिंग फार्म पौण्ड पर अनुदान दिया जाता है। सामान्य श्रेणी के कृषकों को लागत का 60 प्रतिशत या अधिकतम 63 हजार रूपये कच्चे फार्म पौण्ड पर तथा 80 प्रतिशत या 1 लाख 20 हजार रूपये प्लास्टिक लाईनिंग फार्म पौण्ड पर जो भी कम हो अनुदान राशि दी जाती है। न्यूनतम 400 घनमीटर क्षमता की खेत तलाई पर ही अनुदान दिया जाता है।
अनुदान के लिए पात्रता
कृषि आयुक्त ने बताया कि फार्म पौण्ड पर अनुदान के लिए किसानों के पास न्यूनतम 0.3 हैक्टेयर एवं संयुक्त खातेदारी की स्थिति में एक स्थान पर न्यूनतम 0.5 हैक्टेयर कृषि भूमि होना आवश्यक है। कृषक स्वयं के स्तर पर राज किसान साथी पोर्टल पर या नजदीकी ई-मित्र केन्द्र पर जाकर जन आधार नम्बर के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं। आवेदन के समय जमाबंदी की नकल एवं राजस्व विभाग द्वारा जारी खेत का नक्शा होना जरूरी है। आवेदन के बाद कृषि विभाग खेत तलाई निर्माण के लिए प्रशासनिक स्वीकृति जारी करता है। इसकी सूचना मोबाइल संदेश या कृषि पर्यवेक्षक द्वारा किसानों को दी जाती है।

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