किसान, सर्वेयर और पटवारी ऑनलाइन मोबाइल से करेंगे गिरदावरी

ग्राम सेतु ब्यूरो.
हनुमानगढ़ जिले में अब काश्तकार खुद अपने खेत में फसल की गिरदावरी करेंगे। जिले में पहली बार यह व्यवस्था लागू की गई है। 2024-25 (सम्वत 2081) खरीफ मौसम की गिरदावरी 15 अगस्त, 2024 (सामान्य गिरदावरी से 15 दिन पूर्व) से शुरू की जाएगी। राज-खसरा गिरदावरी एवं राज-किसान गिरदावरी ऐप से जिले की समस्त तहसीलों के कुल 1916 ऑनलाईन ग्रामों में गिरदावरी कार्य संपादित किया जाएगा।
राजस्व मंडल अजमेर एवं भू-प्रबंध विभाग (नोडल अधिकारी, डीआईएलआरएमपी) की ओर से सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार विभाग के माध्यम से तीन प्रकार के मोबाइल ऐप लॉन्च किए गए है, तीनों ही एप गूगल प्ले स्टोर पर उपलब्ध है। पहले राज किसान गिरदावरी मोबाइल एप को किसानों, प्राइवेट सर्वेयर, पटवारी द्वारा गिरदावरी करने हेतु विकसित किया गया है। दूसरे राज खसरा गिरदावरी एप को राजस्व अधिकारीयों और कार्मिकों द्वारा गिरदावरी करने हेतु विकसित किया गया है। तीसरे जन आधार खाता सीडिंग मोबाइल एप से किसान के जनाधार से खाते और खसरे को जोड़ा जाएगा। साथ ही खाते और खसरे को मैप भी किया जा सकता है।


राज-खसरा गिरदावरी मोबाईल ऐप से 100 प्रतिशत गिरदावरी सुनिश्चित करने के लिए इस बार गिरदावरी को तीन हिस्सों में बांटा गया है। 5 प्रतिशत खसरों की गिरदावरी का कार्य किसानों द्वारा किया जायेगा। पटवारी द्वारा आवंटित खसरों की गिरदावरी का कार्य सर्वेयर द्वारा तथा शेष स्वयं पटवारी द्वारा किया जायेगा।
14 अगस्त से पूर्व राजस्व पटवारी द्वारा गिरदावरी हेतु संबंधित गांव के 5 प्रतिशत शिक्षित एवं जागरूक किसानों के जन-आधार को उनके खसरों से मैपिंग करवाया जाएगा। जिसके पश्चात् उन 5 प्रतिशत किसानों द्वारा जन-आधार से लॉगिन करते हुए, आवंटित 5 फीसदी खसरों की गिरदावरी का अंकन राज-किसान गिरदावरी मोबाइल ऐप पर किया जाएगा। किसानों द्वारा उनके खसरों की गिरदावरी की प्रविष्टि का पटवारी द्वारा उसका सत्यापन किया जायेगा। किसानों को इसके लिए कोई मानदेय प्रदान नही किया जायेगा।


सर्वेयर और पटवारी को प्रति किला 10 रुपए का मिलेगा मानदेय
10 अगस्त तक संबंधित पटवारी द्वारा नामित किए गए सर्वेयर का चयन उपखण्ड अधिकारी की अध्यक्षता में गठित कमेटी द्वारा राज्य सरकार के दिशा-निर्देशानुसार किया जाएगा। 14 अगस्त से पूर्व जिला स्तरीय मास्टर ट्रेनर्स एवं भू प्रबंध विभाग द्वारा सर्वेयर को गिरदावरी कार्यों का प्रशिक्षण दिया जाएगा, तत्पश्चात् सर्वेयर द्वारा राज-किसान मोबाईल ऐप पर स्वयं के जन-आधार की मैपिंग की जाएगी। अपने लॉगिन एवं पासवर्ड के माध्यम से आवंटित खसरों की गिरदावरी प्रविष्टि राज-किसान ऐप पर की जायेगी, जिसके लिए सर्वेयर को प्रति किला या खसरा 10 रूपये का मानदेय दिया जाएगा। शेष खसरों की गिरदावरी का कार्य पटवारी द्वारा किया जायेगा। जिसके लिए पटवारी को भी प्रति किला या खसरा 10 रूपये मानदेय दिया जायेगा।


ऐसे काम करेगा राज किसान गिरदावरी एप्लीकेशन
गूगल प्ले स्टोर से राज किसान गिरदावरी एप डाउनलोड कर, जनाधार नम्बर डालकर लॉगिन किया जाएगा। जनाधार सदस्यों में से काश्तकार का चयन करने पर ओटीपी प्राप्त होगा। ओटीपी दर्ज करने के उपरांत फसल विवरण जोड़े पर क्लिक करने पर खसरा सर्च ऑप्शन में जिला, तहसील, गांव और खसरा का चयन करना होगा, जहां काश्तकार की भूमि है। उसके उपरांत किसान को फोन की लोकेशन ऑन करनी होगी और अपने खेत से ही फसलों के विवरण के साथ ही फोटो डालनी होगी। गिरदावरी कार्य में मुख्य बात यह है कि पुरी प्रक्रिया काश्तकार को अपने खेत में उपस्थित रहकर करनी होगी। गिरदावरी को प्रमाणित करने के लिए भी एक राजस्व अधिकारी एप बनाया गया, जिससे पटवारी गिरदावरी को प्रमाणित करने का कार्य करेंगे।


भू-नक्शा पोर्टल पर जिले के 1916 गांवों में से 1903 गांवों की जिओ रेफरेंस शेप फाइल अपलोड
भू अभिलेख शाखा में कार्यरत भू अभिलेख निरीक्षक राजेश शर्मा ने बताया कि गिरदावरी कार्य की वास्तविक समय में मॉनिटरिंग के लिए वेब बेस्ड डैशबोर्ड विकसित किया गया है। जिससे जिलावार, तहसीलवार, पटवार मण्डलवार, ग्रामवार, गिरदावरी रिपोर्ट देखी जा सकती है। जिसके आधार पर डिजिटल क्रॉप सर्वे कार्य संपादित करवाया जा रहा है। जिले में भू-नक्शा पोर्टल पर 1916 ग्रामों में से 1903 ग्रामों की जिओ रेफरेंस शेप फाइल अपलोड की जा चुकी है। शेष शेप फाइल प्राप्त करने के लिए भू-प्रबन्ध विभाग से पत्राचार किया जा रहा है। जिओ रेफरेंस शेप फाइल में खसरों को जमाबंदी के अनुसार वन टू वन मैप करते हुए वास्तविक समय अपडेट किया जाएगा।

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