दो शिक्षकों की पहल, ग्रामीणों का सहयोग और बदल गई गांव फतेहगढ़ खिलेरीबास की फिजां, जानिए…. कैसे ?

ग्राम सेतु ब्यूरो.
गांव से व्यक्ति की पहचान होती है और व्यक्तियों से उस गांव की। फिर किसी गांव को पहचान दिलाने में शिक्षक पहल करें तो यकीनन बेहतर परिणाम आते हैं। हनुमानगढ़ जिले के गांव फतेहगढ़ खिलेरीबास को ही लीजिए। दो शिक्षकों ने गांव में ऐसा माहौल बनाया कि आज करीब 125 युवा सामाजिक बुराइयों से दूर होकर खेल गतिविधियों से जुड़ चुके हैं। आलम यह है कि इनमें से कुछ शारीरिक शिक्षक भी बन चुके हैं। यह सब राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय के कार्यवाहक प्रधानाचार्य फूसाराम स्वामी और लेक्चरर अजय स्वामी की पहल और मेहनत का परिणाम है। यह दीगर बात है कि इसमें गांव के बुजुर्ग अन्नाराम कालवा और पूर्व सरपंच नौरंगलाल चांवरिया की बड़ी भूमिका है। करीब 25 युवाओं के साथ फूसाराम स्वामी, अजय स्वामी, अन्नाराम कालवा और नौरंगलाल चांवरिया ‘ग्राम सेतु’ कार्यालय आए। साथ में थे जिला अहिंसा बोर्ड के सह संयोजक तरुण विजय। उन्होंने भी यूथ टीम के प्रयासों की सराहना की।
लेक्चरर अजय स्वामी ‘ग्राम सेतु’ को बताते हैं, ‘गांव फतेहगढ़ में चार स्कूल हैं। खिलेरीबास स्थित राजकीय सीनियर सेकेंडरी स्कूल में करीब पौने तीन सौ बच्चे हैं। हमने साल 2013 में बच्चों को नशे से दूर रखने के लिए पहल की थी। इसके तहत बच्चों को सुबह और शाम खेल ग्राउंड में लाने का बीड़ा उठाया था। मकसद इतना भर कि बच्चे कुसंगति में न पड़ें। उनके बेशकीमती समय का सदुपयोग हो।’
लेक्चरर फूसाराम स्वामी बताते हैं कि रोजाना दो पारी में युवा ग्राउंड में आते हैं। सुबह 5.30 से 7.30 बजे तक और दोपहर बाद 4.30 से शाम 7.30 बजे तक खेल मैदान में चहलकदमी रहती है। बच्चे योगासन, जिम्नास्टिक और हैंडबॉल आदि खेलों में व्यस्त रहते हैं।’
‘ग्राम सेतु’ कार्यालय पहुंचे गांव फतेहगढ़ खिलेरीबास के युवा अनिल कुमार, राहुल सैन, लक्ष्मण, सुरेंद्र, हरीश, राजेंद्र, हनीष, मनीष, दीपक, सोनू, अमन, संजय, संदीप सैन और मनीष जोइया आदि बताते हैं कि पहले गांव में इस तरह का माहौल नहीं था। बकौल अनिल कुमार, ‘यह सब अजय स्वामी सर के आने के बाद शुरू हुआ है। मैं खुद 2013 यानी पहले बैच में शामिल था। नियमित खेल मैदान में जाने का परिणाम है, आज मैं शारीरिक शिक्षक हूं। साल 2022 में मेरा चयन हुआ। जिंदगी बन गई।’
फतेहगढ़ का नाम रोशन कर रहे बच्चे: अजय स्वामी

लेक्चरर अजय स्वामी कहते हैं, ‘हनुमानगढ़ जिले का अधिकांश गांव नशे की चपेट में है। हमारा गांव भी अछूता नहीं। फिर भी संतोष की बात है कि कुछ को छोड़ दे ंतो अधिकांश युवा इन बुराइयों से दूर हैं। खेल जगत में बेहतर परफॉर्म कर रहे। मसलन, पिछले साल यानी 2023 में जिला स्तरीय टूर्नामेंट में हमारी चार टीमें विजेता और तीन टीमें उप विजेता रहीं। एक थर्ड पॉजीशन पर। इनमें से करीब 45 बच्चों का स्टेट लेवल टूर्नामेंट के लिए चयन हुआ। आज भी अगर खेल मैदान में सुविधाएं मुहैया करवाए जाएं तो गांव की किस्मत बदल सकती है।’
विधायक से करवाई है मुलाकात: तरुण विजय


अहिंसा बोर्ड के जिला सह संयोजक तरुण विजय ने ‘ग्राम सेतु’ से कहा-गांव में प्रतिभाओं की कमी नहीं हैं, उन्हें तलाशने और तराशने वालों की कमी है। फतेहगढ़ में अजय स्वामी और अन्य सहयोगियों ने कमाल का काम किया है। गांव में खेल गतिविधयों को बढ़ावा मिले, इसके लिए विधायक गणेशराज बंसल से मुलाकात की है। उन्हें समस्याओं से अवगत करवाया है। उम्मीद है, जल्दी ही समाधान होगा और खिलाड़ियों को अपने गांव में उच्च स्तरीय सुविधाएं मुहैया होंगी।’
स्टेडियम का निर्माण पूरा हो, सुविधाएं मिले: फूसाराम


फतेहगढ़ खिलेरीबास राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय के कार्यवाहक प्रधानाचार्य फूसाराम स्वामी ने ‘ग्राम सेतु’ को बताया कि हनुमानगढ़ विधानसभा क्षेत्र का तीसरा सबसे बड़ा स्टेडियम गांव फतेहगढ़ में है इसका निर्माण जारी है। उचित बजट के अभाव में काम सुचारू नहीं हो पा रहा। अगर निर्माण कार्य संपन्न हो जाएं, सुविधाएं मुहैया हों तो गांव से नेशनल और इंटरनेशल स्तर के खिलाड़ी तैयार हो सकेंगे। जिम्नास्टिक के लिए उचित संसाधन की जरूरत है।’
बच्चों पर निर्भर है गांव का भविष्य: नौरंगलाल चांवरिया


गांव के पूर्व सरपंच नौरंगलाल चांवरिया के मुताबिक, इन बच्चों को इसलिए प्रोत्साहन दिया जा रहा ताकि इनका जीवन सुखमय बने। इन बच्चों को उचित सुविधाएं उपलब्ध करवाना हम सबकी जिम्मेदारी है। इसलिए हम इनके साथ लगे रहते हैं। सरपंच रहते हमने यथासंभव प्रयास किए, इसके सार्थक परिणाम भी आए। आगे भी प्रयास जारी रहेगा।
बच्चों को सही रास्ता दिखाना बुजुर्गों की जिम्मेदारी: कालवा


गांव के बुजुर्ग अन्नाराम कालवा उम्र के लिहाज से 80 प्लस हैं लेकिन उनकी सक्रियता किसी युवा से कम नहीं। नियमित रूप से स्कूल कैंपस जाते हैं। सफाई करते हैं। गंदगी उन्हें पसंद नहीं। बच्चों को मॉटिवेट करते हैं। अन्नाराम कालवा ‘ग्राम सेतु’ से कहते हैं, ‘गांव के बच्चे सही रास्ते पर चलें, यह हम सबकी जिम्मेदारी है। इसलिए हम रोजाना इन बच्चों के साथ रहते हैं ताकि यह गलत रास्ते पर न चलें। इनका जीवन सार्थक हो। हर गांव के बुजुर्गों की यह जिम्मेदारी होनी चाहिए।

One thought on “दो शिक्षकों की पहल, ग्रामीणों का सहयोग और बदल गई गांव फतेहगढ़ खिलेरीबास की फिजां, जानिए…. कैसे ?

  1. ग्राम सेतु संपादक महोदय श्री गोपाल जी झा ने इस तरह के प्रेरणादायक कार्य को ग्राम सेतु के मंच पर लाकर सराहनीय कार्य किया है। इससे दुसरे लोगों को प्रेरणा मिलेगी और एक सभ्य, स्वस्थ और मजबूत समाज की स्थापना होगी। युवा मोबाइल और नशे से दूर रहकर खेलों से जुड़ेंगे तो यही युवा आगे चलकर मजबूत भारत के आधार स्तंभ बनेंगे।
    जय हिन्द

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