





ग्राम सेतु ब्यूरो.
कृषि आयुक्त चिन्मयी गोपाल की अध्यक्षता में पंत कृषि भवन के सभा कक्ष में उर्वरकों की मांग, आपूर्ति, उपलब्धता एवं वितरण के सम्बन्ध में जिलों के विभागीय अधिकारियों के साथ विडियो कॉन्फ्रेन्स का आयोजन किया गया। उन्होंने कृषकों द्वारा डीएपी के स्थान पर सिंगल सुपर फास्फेट एवं एनपीके को अधिकाधिक उपयोग में लेने के लिए एवं विभागीय अधिकारियों को इसका प्रचार-प्रसार करने के लिए कहा।

कृषि आयुक्त ने बताया कि राज्य में इस वर्ष अच्छा मानसून होने से रबी फसलों की बुआई का क्षेत्र बढ़ने के कारण उर्वरकों की अतिरिक्त मांग सृृजित होगी। राज्य में बुआई के समय उपयोग होने वाले उर्वरक पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं एवं किसानों की मांग के अनुरूप समय पर उर्वरक उपलब्ध कराने के लिए हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं। कृषि आयुक्त ने कहा कि उर्वरक आपूर्तिकर्ता कम्पनियों एवं विक्रेताओं द्वारा यूरिया एवं डीएपी के साथ अन्य उत्पादों की टैगिंग नही की जाये तथा सभी उर्वरक विक्रेता अपने पास उपलब्ध उर्वरकों का स्टॉक मात्रा एवं मूल्य सूची प्रदर्शित करें। उन्होंने कहा कि यदि इस सम्बन्ध में कोई शिकायत प्राप्त होती है तो एफसीओ, 1985 के तहत सख्त कार्यवाही की जायेगी। चिन्मयी गोपाल ने जिला अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे जिले के उर्वरक विक्रेताओं के पास उपलब्ध स्टॉक का पीओएस स्टॉक से मिलान कर भौतिक सत्यापन करें। उर्वरक आपूर्तिकर्ता फर्माे के जिला प्रतिनिधियों से समन्वय कर सम्पूर्ण क्षेत्र में आवश्यकतानुसार समान रूप से उर्वरकों की उपलब्धता सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि जिले में उर्वरकों की कहीं भी कोई कालाबाजारी तथा जमाखोरी नही हो। जिले में उर्वरकों के वितरण पर सतत् निगरानी रखते हुए जिले के कृषकों को ही उर्वरकों का वितरण करें एवं राज्य के बोर्डर एरिया से उर्वरकों का परिगमन होने से रोके। बैठक में अतिरिक्त निदेशक कृषि (आदान) डॉ. सुवा लाल जाट, संयुक्त निदेशक कृषि (आदान) लक्ष्मण राम, संयुक्त निदेशक कृषि (गुण नियंत्रण) गजानंद यादव, उप निदेशक कृषि (उर्वरक) बी.एल. कुमावत सहित विभागीय अधिकारी और समस्त अतिरिक्त निदेशक कृषि (विस्तार) खण्ड व समस्त संयुक्त निदेशक कृषि (विस्तार) जिला परिषद वीडियो कॉन्फ्रेन्स के माध्यम से उपस्थित रहे।






