

ग्राम सेतु ब्यूरो.
राजस्थान सरकार के पशुपालन विभाग ने राष्ट्रीय पशुरोग नियंत्रण कार्यक्रम के तहत गौ और भैंस वंशीय पशुओं के लिए एफएमडी (खुरपका-मुंहपका) टीकाकरण अभियान की शुरुआत कर दी है। यह व्यापक अभियान 18 मार्च से 17 मई तक चलेगा, जिसमें 2 करोड़ 32 लाख पशुओं का टीकाकरण किया जाएगा। पशुपालन सचिव डॉ. समित शर्मा ने इस अभियान को सफल बनाने के लिए जिलों के संयुक्त निदेशकों को माइक्रो लेवल पर विस्तृत योजना बनाकर प्रभावी क्रियान्वयन के निर्देश दिए हैं। अभियान की सफलता सुनिश्चित करने के लिए ब्लॉक स्तर पर नोडल अधिकारियों की नियुक्ति की गई है। डॉ. शर्मा ने निर्देश दिए हैं कि ब्लॉक और संस्थाओं में पशुओं की संख्या के आधार पर वैक्सीन की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। इस कार्य में स्थानीय स्वैच्छिक संस्थाओं और प्रगतिशील पशुपालकों का सहयोग भी लिया जाएगा। डॉ. शर्मा ने वन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वन्य अभयारण्यों और संरक्षित वन क्षेत्रों की 5-10 किमी परिधि में बसे गांवों में एफएमडी रोग संभावित क्षेत्रों में प्राथमिकता के आधार पर शत-प्रतिशत टीकाकरण किया जाए।

पशुओं की टैगिंग और डेटा अपडेट अनिवार्य
अभियान के तहत पशुओं की ईयर टैगिंग, रजिस्ट्रेशन और टीकाकरण डेटा का इंद्राज भारत पशुधन ऐप पर अनिवार्य रूप से करने का निर्देश दिया गया है। डॉ. शर्मा ने बताया कि हर्ड इम्यूनिटी सुनिश्चित करने के लिए एक निश्चित क्षेत्र में निश्चित अवधि में सभी पशुओं का टीकाकरण आवश्यक है। पशुपालन विभाग के निदेशक डॉ. आनंद सेजरा ने बताया कि यह टीकाकरण गाय और भैंस वंशीय पशुओं को खुरपका और मुंहपका रोगों से बचाने के लिए निःशुल्क किया जा रहा है। निराश्रित गौवंश का टीकाकरण ग्राम पंचायतों के सहयोग से सुनिश्चित किया जाएगा। डॉ. शर्मा ने सभी जिलों के पशु चिकित्सा अधिकारियों से अपील की है कि इस अभियान में शत-प्रतिशत टीकाकरण कर आवंटित लक्ष्यों को प्राप्त करें। इससे राजस्थान को एफएमडी मुक्त राज्य बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया जा सकेगा।


