



ग्राम सेतु ब्यूरो.
हनुमानगढ़ के किसानों के लिए इस बार गेहूं की फसल बेचने में कोई झंझट नहीं होगी। केंद्र सरकार ने रबी विपणन वर्ष 2025-26 में गेहूं की सरकारी खरीद के नियमों में बड़ी राहत दी है। इस बार अत्यधिक गर्मी और बारिश की मार झेल चुके किसानों को टूटे और सिकुड़े दानों की स्वीकार्यता सीमा को 6 फीसद से बढ़ाकर 20 फीसद तक कर दिया गया है। अब क्षतिग्रस्त और आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त दानों को भी 6 फीसद तक मान्य किया जाएगा, वहीं चमकविहीन दानों को भी 10 फीसद तक खरीदा जाएगा। मतलब, किसान अब अपनी मेहनत का पूरा फल पाएंगे और फसल बेचने में कोई अड़चन नहीं आएगी।
किसानों की जेब में सीधे फायदा, कोई कटौती नहीं!
सरकार ने साफ कर दिया है कि इन रियायतों का मतलब किसी भी प्रकार की कटौती नहीं होगी। किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य मिलेगा और फसल के नुकसान का भी मुआवजा मिलेगा। यह फैसला किसानों के चेहरों पर मुस्कान लाने वाला है। इस साल गेहूं की न्यूनतम समर्थन मूल्य को 2425 रुपए प्रति क्विंटल तय किया गया है। इसके साथ ही, राजस्थान सरकार ने ‘राजस्थान कृषक समर्थन योजना’ के तहत 150 रुपए प्रति क्विंटल का बोनस देने की घोषणा की है। यानी कुल मिलाकर किसानों को 2575 रुपए प्रति क्विंटल की दर से गेहूं बेचने का मौका मिलेगा। इस दाम से किसानों को अधिकतम लाभ मिलेगा और उनकी मेहनत का सही मोल मिलेगा।
हनुमानगढ़ में खरीद जोरों पर, 44 केंद्र स्वीकृत
हनुमानगढ़ जिले में इस बार करीब दो लाख हेक्टेयर में गेहूं की बंपर फसल हुई है। फसल की सरकारी खरीद 30 जून तक जारी रहेगी और जिले में 44 खरीद केंद्र स्वीकृत किए गए हैं। पंजीयन का कार्य भी तेजी से किया जा रहा है ताकि किसानों को सुविधा मिल सके।
व्यापारियों को भी होगा फायदा, खरीद होगी सुचारू
व्यापारी वर्ग के लिए भी यह फैसला मुनाफे का सौदा साबित होगा। व्यापारी नेता कुलभूषण जिंदल ने कहा कि नियमों में दी गई छूट से खरीद प्रक्रिया सुचारू रूप से चलेगी और किसानों तक उचित मूल्य पहुंच सकेगा। इससे कृषि क्षेत्र में नई ऊर्जा का संचार होगा।
किसानों के चेहरों पर मुस्कान, सरकार के फैसले का स्वागत
सरकार के इस फैसले से किसानों के चेहरे खुशियों से खिल उठे हैं। अब किसान बेहतर मूल्य और रियायतों के साथ अपनी फसल बेचने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। इस कदम से न केवल किसानों को राहत मिलेगी, बल्कि कृषि क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव भी आएगा।

