सिंचाई संकट बना सियासी संग्राम का कारण, सड़क पर उतरेगी कांग्रेस!

ग्राम सेतु डेस्क.
श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ में सिंचाई जल संकट ने अब राजनीतिक रूप ले लिया है। एक ओर किसान नरमे की बुवाई के लिए आसमान की ओर टकटकी लगाए बैठा है, तो दूसरी ओर कांग्रेस ने सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरने की खुली चेतावनी देकर सियासी तापमान बढ़ा दिया है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं का हुजूम जल संसाधन विभाग के मुख्य अभियंता के कार्यालय पर आ धमका और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नाम ज्ञापन सौंपा। यह सिर्फ एक ज्ञापन नहीं, बल्कि सरकार को चेतावनी का दस्तावेज था, ‘पानी दो, वरना आंदोलन भुगतो।’ ज्ञापन सौंपने वालों की अगुवाई दोनों जिलों के कांग्रेस अध्यक्ष सुरेंद्र दादरी, अंकुर मिगलानी व लोकसभा सांसद कुलदीप इंदौरा ने की। उनके साथ कांग्रेस के पूरे सियासी कुनबे की मौजूदगी ने यह संदेश स्पष्ट कर दिया कि यह सिर्फ जल संकट नहीं, बल्कि सियासी अस्तित्व की लड़ाई है।
इंदौरा का हमला, बोले-वादे हवा में उड़ गए
सांसद कुलदीप इंदौरा ने मुख्यमंत्री पर तीखा प्रहार किया। उन्होंने याद दिलाया कि श्रीगंगानगर दौरे पर मुख्यमंत्री ने किसानों को जल संकट से उबारने का वादा किया था, लेकिन हालात सुधरने की बजाय और बिगड़ गए। उन्होंने चेताया कि यदि 20 मई से पहले सिंचाई जल नहीं पहुंचा, तो हजारों किसानों की फसल चौपट हो जाएगी और आर्थिक त्रासदी मंढरा उठेगी। सांसद इंदौरा ने यह भी तर्क रखा कि भाखड़ा डैम में जल पर्याप्त है और पंजाब-हरियाणा जैसे राज्य अपने किसानों के लिए जल स्तर कम कर पानी दे रहे हैं, तो राजस्थान को क्यों नहीं? क्या राजस्थान के किसान दोयम दर्जे के हैं?

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कृषि संकट बनाम सरकार की उदासीनता
कांग्रेस नेताओं ने यह स्पष्ट किया कि सिंचाई जल की अनुपलब्धता केवल फसल उत्पादन को प्रभावित नहीं कर रही, बल्कि कई गांवों में पीने के पानी का भी संकट उत्पन्न हो गया है। ग्रामीणों को मजबूरी में 600-700 रुपये में पानी के टैंकर खरीदने पड़ रहे हैं। कांग्रेस ने इसे ‘सरकारी असंवेदनशीलता की पराकाष्ठा’ बताया। कांग्रेस ने सीएम के नाम प्रेषित ज्ञापन में पांच स्पष्ट मांगें रखी हैं। इनमें फिरोजपुर फीडर और गंग कैनाल की लाइनिंग शीघ्र शुरू करने, लिंक चैनल की सफाई करवाई करवाने, 20 मई से पहले सिंचाई जल उपलब्ध करवाने, पेयजल संकटग्रस्त गांवों में तत्काल टैंकरों के जरिए पानी पहुंचाए जाने व बीकानेर कैनाल की आरडी 0-45 की क्षमता बढ़ाने हेतु बजट प्रावधान करना शामिल है।


आंदोलन की आहट
कार्यकर्ताओं ने सरकार को चेतावनी दी कि यदि इन मांगों पर तुरंत कार्रवाई नहीं हुई, तो वे सड़क से विधानसभा तक आंदोलन छेड़ेंगे। जिलाध्यक्ष सुरेंद्र दादरी ने कहा, किसानों की पीड़ा सरकार नहीं सुन रही, अब उन्हें हमारी हुंकार सुनाई देगी। इस ज्ञापन सौंपने के कार्यक्रम में कांग्रेस की पूरी फौज मौजूद रही, सांसद से लेकर जिला प्रमुख से लेकर पूर्व विधायक, पीसीसी सदस्य से लेकर सेवादल अध्यक्ष तक। यह सिर्फ ज्ञापन नहीं, बल्कि शक्ति प्रदर्शन था, यह बताने के लिए कि उत्तर राजस्थान के खेतों में सिर्फ फसलें नहीं, राजनीति भी पनपती है।
भाजपा की सरकार के लिए यह एक गंभीर अलार्म है। जहां मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को हाल ही में किसानों के बीच जाकर राहत देने का भरोसा दिलाना पड़ा, वहीं अब उसी मुद्दे पर विपक्ष जमीन पकड़ता जा रहा है। कांग्रेस ने किसानों के दर्द को सियासी अस्त्र बना लिया है और जल संकट को जनांदोलन में बदलने की तैयारी में है। इस घटनाक्रम ने साफ कर दिया है कि आने वाले चुनावी मौसम में सिंचाई जल, सिर्फ खेतों तक सीमित नहीं रहेगा, यह वोटों की नदियों की दिशा भी तय कर सकता है।
इस मौके पर विधायक रूपेंद्र कुन्नर, जिला प्रमुख कविता मेघवाल, पीसीसी सचिव मनीष मक्कासर, पीसीसी सदस्य भूपेंद्र चौधरी, पूर्व विधायक राजकुमार गौड़, कांग्रेस सेवादल हनुमानगढ़ जिला अध्यक्ष अश्वनी पारीक, संगठन महामंत्री गुरमीत चंदडा, एससी विभाग के अध्यक्ष रामेश्वर चांवरिया, महासचिव मनोज सैनी, जगदीश राठौड़ बलकरण सिंह बराड़, कमला अठवाल, पूर्व प्रधान दयाराम जाखड़, जगतार, सुभाष भाकर, राकेश शर्मा, जगदीश, विकास, राज बराड़, रामदेव ढाका, विकास गौड़, पवन नंदीवाल शुभम शर्मा, नवाब खान, हेमंत, सतीश कुमार, राज सिंह, कश्मीरी इंदौरा, सुभाष गोयल ,रामस्वरूप भाटी, महेंद्र चतुर्वेदी, बंसीलाल, आमिर खान, शाहरुख, लोकेंद्र भाटी, जयराम ढुकिया, मोहनलाल इंदलिया, रामकुमार ढाका, बलराज सिंह सतीपुरा सहित अन्य कार्यकर्ता मौजूद थे।

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