




ग्राम सेतु ब्यूरो.
दिव्य ज्योति जागृति संस्थान की ओर से हनुमानगढ़ जिला मुख्यालय स्थित जीएम रिसोर्ट में संगीतमय भजन संध्या ‘संपूर्ण क्रांति’ का आयोजन किया गया जिसमें प्रभु के प्रति अलौकिक भावों से परिपूर्ण भजनों ने श्रद्धालुगणों को आनंद विभोर किया। साध्वी रूपेश्वरी भारती ने कहा कि प्रभु के श्री चरणों में अपनी भावनाओं की अंजलि को समर्पित करना ही भाव अंजलि है। यही प्रेम व भावों का महादान है जो प्रभु के रिझाने में पूर्ण रूपेण सार्थक सिद्ध होता है। तभी तो सभी भक्तों में इन्हीं भावों की सुरभि पाई जाती है किंतु आज विडंबना यह है कि मानव समाज का जीवन प्रभु से विहीन एक ऐसा रेगिस्तान है जहां भावों की सरिता का बहाना असाध्याय दृष्टिगोचर हो रहा है। वह जीवत्व से शवत्व की ओर बढ़ रहा है। ऐसे में उसके अंतःकरण से प्रभु के लिए भावों का प्रस्तुतीकरण होना असंभव सा प्रतीत होता है। साध्वी ने इस समस्या का समाधान देते हुए कहा कि भावों व प्रेम के लिए मानव को प्रभु भक्ति से जुड़ना होगा। प्रभु भक्ति को एक पूर्ण सद्गुरु ही ब्रह्म ज्ञान के माध्यम से हमारे भीतर प्रकट कर सकते हैं।

साध्वी ने कहा कि एक सुंदर और स्वस्थ समाज की परिकल्पना युगों से इंसान का स्वप्न रहा है। जिसे साकार करने की अभिलाषा में सामाजिक, राजनीतिक एवं बहुत से प्रयास किया जा रहे हैं किंतु सभी प्रयास असफल सिद्ध हो रहे हैं। साध्वी ने व्याख्यान के माध्यम से संस्कारों और संस्कृति के महत्व पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि एक सुसंस्कृत समाज के लिए आवश्यकता है कि मानव अपने जीवन में सुसंस्कारों और संस्कृति को धारण करें। संस्कृति का विकास जीवन एवं समाज का विकास है। भारत की संस्कृति विश्व की सर्वश्रेष्ठ संस्कृति है जिसका कारण है कि वह आध्यात्म से पोषित है। आज के तनाव ग्रस्त मनुष्य को यदि अपने जीवन के तनाव को दूर करना है तो उसे अपने जीवन के आधार अध्यात्म के साथ जुड़ना होगा। ईश्वर शांति स्वरूप है। अतः उसके साथ जुड़कर ही हम अपने जीवन में आंतरिक शांति एवं संतुष्टि को प्राप्त कर सकते हैं। साध्वी ने समाज को अपील करते हुए कहा कि हमें हमेशा मानवता की रक्षा व शांति हेतु प्रभु चरणों में प्रार्थना करनी चाहिए ताकि यह समाज, देश और विश्व एक अद्वितीय शांति स्थल बन सके।

संस्थान के विभिन्न सामाजिक कल्याण के कार्यक्रमों पर प्रकाश डालते हुए साध्वी ने बताया कि संस्थान अध्यात्म के साथ-साथ आज समाज में बहुत से सामाजिक कल्याण कार्यों में भी संलग्न है। जिसके अंतर्गत संस्थान का एक प्रकल्प है मंथन जो की संपूर्ण विकास केंद्र है जो अभावग्रस्त बच्चों को मूल्य आधारित शिक्षा प्रदान कर रहा है। जहां पर बच्चों को मुफ्त शिक्षा प्रदान की जा रही है। इस भव्य कार्यक्रम में सुमधुर भजनों से पूरा वातावरण भक्तिमय हो उठा। इस मौके पर प्रसाद रूपी भोजन की भी व्यवस्था थी।


