प्रभारी मंत्री के सामने इस मसले पर टूट गया दलों का दायरा, एकजुट नजर आए सियासतदान, जानिए… कैसे ?

ग्राम सेतु ब्यूरो.
हनुमानगढ़ जिला मुख्यालय पर राजकीय उच्च प्राथमिक संस्कृत विद्यालय को वरिष्ठ उपाध्याय स्तर तक क्रमोन्नत करने की मांग को लेकर विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों ने जिला प्रभारी मंत्री सुमित गोदारा को सर्किट हाउस में ज्ञापन सौपा। इस दौरान सभी ने इस मांग को पूरा करने की मांग की। भाजपा जिलाध्यक्ष देवेंद्र पारीक और भाजपा नेता अमित सहू ने भी इस मांग से अवगत करवाया। मंत्री ने इस बारे में राज्य सरकार को अवगत करवाने की बात कही।


ज्ञात रहे कि पिछले लगभग एक माह से प्राईवेट कॉलेज एसोसिएशन के प्रदेश उपाध्यक्ष तरूण विजय की अगुवाई में चल रहे पोस्टकार्ड अभियान को शहर के विभिन्न सामाजिक व राजनैतिक संगठन अपना सर्मथन दे चुके है और यह अभियान जन जन की आवाज बन चुका है। विधायक गणेशराज बंसल भी इस मांग को लेकर शिक्षा मंत्री को पत्र लिखा है।
इस मौके पर सभी ने कहा कि संस्कृत हमारी सांस्कृतिक धरोहर है और यह सबसे प्राचीन भारतीय भाषा है। संस्कृत न केवल हमारे वेद, पुराण, और उपनिषदों की भाषा है, बल्कि यह विज्ञान, गणित, और आयुर्वेद जैसी महत्वपूर्ण विधाओं की भी आधारभूत भाषा है। संस्कृत भाषा का ज्ञान बच्चों के बौद्धिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और उन्हें एक समृद्ध सांस्कृतिक पहचान प्रदान करता है। इसलिए विद्यालय की क्रमोन्नति जरूरी है।
तरुण विजय कहते हैं कि इस विद्यालय की क्रमोन्नति से गरीब और जरूरतमंद बच्चों को अपने ही क्षेत्र में उच्च शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिलेगा। उन्हें अब उच्च शिक्षा के लिए दूर-दराज के क्षेत्रों में जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। इससे न केवल उनकी पढ़ाई निरंतर जारी रहेगी, बल्कि उन्हें रोजगार के नए अवसर भी प्राप्त होंगे। भाजपा जिलाध्यक्ष देवेंद्र पारीक, पूर्व जिलाध्यक्ष बलवीर बिश्नोई, भाजपा लोक सभा प्रत्याशी प्रियंका बेलान, पार्षद प्रतिनिधि मनोज बड़सीवाल, भाजपा नगर मंडल अध्यक्ष प्रकाश तंवर, पूर्व पार्षद गौरव जैन, भारत भूषण शर्मा, प्रदीप ऐरी, महादेव भार्गव, मनोज मुंड, मनजिंदर बराड़, नवीन बाकोलिया मौजूद रहे। सबने एक स्वर में कहा कि संस्कृत भाषा का ज्ञान बच्चों को न केवल सांस्कृतिक दृष्टिकोण से बल्कि शैक्षिक दृष्टिकोण से भी लाभान्वित करेगा। संस्कृत भारत की सबसे प्राचीनतम भाषा है और इसका संरक्षण और संवर्धन अत्यंत आवश्यक है। वरिष्ठ उपाध्याय स्तर का विद्यालय बनने से गरीब बच्चों को शिक्षा प्राप्त करने में मदद मिलेगी और यह उनके भविष्य को उज्जवल बनाने में सहायक होगा। इस मौके पर पूर्व पार्षद गौरव जैन ने कहा कि देवभाषा संस्कृत सभी भाषाओं की जननी है। यह हमारी सांस्कृतिक धरोहर है और हमें इसे संरक्षित रखना चाहिए। संस्कृत विद्यालय की क्रमोन्नति से गरीब बच्चों को शिक्षा प्राप्त करने में मदद मिलेगी।

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