हरिराम सैनी बोले-नारी शिक्षा में सावित्री बाई फुले का बड़ा योगदान

ग्राम सेतु सोशल डेस्क.
महात्मा ज्योतिबा फुले जाग्रति मंच की ओर से सावित्री बाई फुले की जयंती धूमधाम से मनाई गई। मंच के प्रदेश महामंत्री हरीराम सैनी ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कहा कि सावित्री बाई फुले को शिक्षा की माता के रूप में संबोधित किया जाता है। उन्होंने अपनी शिक्षा के माध्यम से समाज में व्याप्त अंधविश्वास और कुप्रथाओं के खिलाफ आवाज उठाई और महिलाओं को शिक्षा प्राप्त करने के लिए प्रेरित किया।
हरीराम सैनी ने आगे कहा कि सावित्री बाई फुले के योगदान को कभी भी भुलाया नहीं जा सकता। वे केवल एक शिक्षिका ही नहीं, बल्कि समाज सुधारक भी थीं, जिन्होंने बालिकाओं के लिए शिक्षा का रास्ता खोला। उनके संघर्षों और बलिदान के कारण आज हम इस दौर में महिलाओं को समान अवसर और अधिकार दे रहे हैं।


शिक्षाविद् भगवानदास गुप्ता ने कहा कि सावित्री बाई फुले ने न केवल शिक्षा के क्षेत्र में एक क्रांति का सूत्रपात किया, बल्कि बालिकाओं में शिक्षा के प्रति जागरूकता और आत्मनिर्भरता का विकास भी किया। उन्होंने पहली महिला शिक्षिका के रूप में बालिकाओं को घर-घर जाकर शिक्षा दी और समाज में एक नई चेतना का संचार किया।
कार्यक्रम में उपस्थित सभी लोगों ने सावित्री बाई फुले और ज्योतीबा फुले के दिखाए मार्ग पर चलने का संकल्प लिया। इस दौरान मंच पर कई समाजसेवी और शिक्षा क्षेत्र से जुड़ी हस्तियाँ भी मौजूद रहीं, जिन्होंने सावित्री बाई फुले के जीवन और उनके योगदान को सराहा। इस मौके पर सुरेन्द्र खटीक, बलविन्द्र सिंह बराड़, राजेश भारतीय, करण विमला, राजकुमार गिदवानी, प्रदीप कुमार, राजेन्द्र बैनीवाल, विनोद सहारण, देवीलाल सैनी, बारलाल सैन, कुलदीप लीलावाली, श्रवण सैी, गुरसेवक प्रजापत, बाबूलाल शर्मा, कालूराम शर्मा सहित सर्व समाज के लोग मौजूद थे।

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