चर्चा में आए राजस्थान के ये साहित्यकार, जानिए… क्यों ?

image description

ग्राम सेतु साहित्य डेस्क.
नई दिल्ली में आयोजित एशिया के सबसे बड़े साहित्यिक उत्सव ‘साहित्योत्सव 2025’ में राजस्थानी भाषा के प्रसिद्ध साहित्यकार डॉ. सत्यनारायण सोनी ने अपने कहानी पाठ से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। उनकी मोबाइल एडिक्शन पर आधारित कहानी ‘इमोशंस’ को दर्शकों और साहित्य जगत के विद्वानों से खूब सराहना मिली।
यह आयोजन संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार और साहित्य अकादमी के तत्वावधान में नई दिल्ली के रविंद्र भवन में संपन्न हुआ। इस भव्य साहित्यिक आयोजन में ‘बहुभाषा कहानी-पाठ’ सत्र का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता प्रसिद्ध उर्दू एवं पंजाबी लेखक खालिद हुसैन ने की।


डॉ. सोनी के साथ अन्य प्रतिष्ठित साहित्यकारों ने भी अपनी कहानियों का पाठ किया। उर्दू लेखिका योजना रायता ने कश्मीर की पृष्ठभूमि पर लिखी अपनी कहानी ‘मेरा पता लिख लीजिए’, तेलुगु लेखक वेम्पस्सेट शारीफ ने अपनी रचना ‘क्रिंकल्ड वर्ल्ड’ का पाठ किया, वहीं उर्दू साहित्यकार सैमी सिरीजों ने ‘बज्जी साहब’ शीर्षक कहानी प्रस्तुत की।
डॉ. सोनी ने अपने सशक्त लेखन और प्रभावशाली अभिव्यक्ति से श्रोताओं के दिलों में गहरी छाप छोड़ी। उनकी कहानी ‘इमोशंस’ वर्तमान समय में मोबाइल और डिजिटल एडिक्शन के प्रभावों पर आधारित थी, जिसे सुनकर दर्शक भाव-विभोर हो उठे।
इस कार्यक्रम के अंत में खालिद हुसैन ने सभी कहानियों का विश्लेषण किया और साहित्यिक योगदान को सराहा। इस अवसर पर साहित्य अकादमी के उर्दू सलाहकार मंडल संयोजक चंद्रभान खयाल, राजस्थानी साहित्यकार मीडोसर निमोही, संजय पुरोहित, युवा शायर असद अली असद सहित कई प्रतिष्ठित साहित्यकार और साहित्य प्रेमी उपस्थित रहे।
डॉ. सत्यनारायण सोनी न केवल राजस्थानी भाषा के मूर्धन्य साहित्यकार हैं, बल्कि राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय के प्रधानाचार्य के रूप में शिक्षा जगत में भी अपनी उल्लेखनीय भूमिका निभा रहे हैं। वे राजस्थानी भाषा को संवैधानिक मान्यता दिलाने के लिए लगातार प्रयासरत हैं और उनके साहित्यिक योगदान से इस भाषा को नई पहचान मिल रही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *