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हनुमानगढ़ टाउन के पास स्थित ग्राम पंचायत अमरपुरा थेहड़ी ने एक अनुकरणीय मिसाल पेश की, जब गांव की विभिन्न जातियों और धर्मों से संबंध रखने वाले 35 मेधावी विद्यार्थियों को एक भव्य प्रतिभा सम्मान समारोह में सम्मानित किया गया। इस गरिमामयी आयोजन के मुख्य अतिथि श्रीगंगानगर लोकसभा क्षेत्र के सांसद कुलदीप इंदौरा थे।। विशिष्ट अतिथि के रूप में सूरतगढ़ विधायक डूंगर राम गेदर, जिला प्रमुख कविता मेघवाल, पूर्व प्रधान दयाराम जाखड़, पूर्व प्रधान जयदेव भिड़ासरा, पीसीसी सदस्य भूपेंद्र चौधरी एवं समाजसेवी विक्रम स्वामी ने शिरकत की। कार्यक्रम की अध्यक्षता ग्राम पंचायत अमरपुरा थेहड़ी के सरपंच रोहित स्वामी ने की, जिनकी यह अनूठी पहल समरसता और शिक्षा को समर्पित थी।
सभी अतिथियों का राजस्थानी परंपरा के अनुसार माल्यार्पण, साफा पहनाकर और स्मृति चिह्न भेंट कर स्वागत किया गया। प्रशासक रोहित स्वामी ने अपने उद्घाटन भाषण में बताया कि इस वर्ष राजस्थान बोर्ड परीक्षाओं में पंचायत क्षेत्र के 35 विद्यार्थियों ने 70 से 99 प्रतिशत अंकों के साथ सफलता अर्जित की है। ये विद्यार्थी अलग-अलग सामाजिक पृष्ठभूमियों से आए हैं, लेकिन उनका सपना, मेहनत और लक्ष्य एक है, शिक्षा के माध्यम से सफलता का मार्ग तय करना। उन्होंने कहा, ‘हमने तय किया कि पंचायत स्तर पर जाति और धर्म की सीमाओं से ऊपर उठकर केवल प्रतिभा का सम्मान किया जाए।’

मुख्य अतिथि सांसद कुलदीप इंदौरा ने कहा, ‘शिक्षा ही राष्ट्र निर्माण की आधारशिला है। यह देखकर अत्यंत हर्ष हो रहा है कि ग्राम पंचायत अमरपुरा थेहड़ी जैसी इकाई इस दिशा में इतनी सजग और सक्रिय है। यह केवल सम्मान समारोह नहीं, सामाजिक चेतना की ज्वाला है, जिसे पूरे संसदीय क्षेत्र में फैलाना चाहिए।’ उन्होंने इस अवसर पर ग्राम विकास के मुद्दों पर भी गंभीरता से चर्चा की। सरपंच रोहित स्वामी ने सांसद को शमशान भूमि और कब्रिस्तान की चारदीवारी व गेट निर्माण, आंगनवाड़ी भवन निर्माण तथा गांव में सड़क और नालियों के विकास हेतु सांसद कोटे से बजट की मांग रखी। सांसद इंदौरा ने आश्वस्त करते हुए कहा कि क्षेत्रीय विकास में किसी प्रकार की कमी नहीं आने दी जाएगी।
विधायक डूंगर राम गेदर ने कहा कि इस प्रकार के आयोजन गांव की नई पीढ़ी को दिशा देते हैं। जब ग्राम पंचायत और समुदाय मिलकर शिक्षा को प्राथमिकता देते हैं, तभी गांवों का वास्तविक विकास होता है।
जिला प्रमुख कविता मेघवाल ने बालिका शिक्षा पर विशेष बल देते हुए कहा, ‘आज हमें खुशी है कि सम्मानित होने वाली छात्राओं की संख्या भी सराहनीय है। बेटियों को जब मंच और सम्मान मिलता है तो वे पूरे समाज का मान बढ़ाती हैं।’
पूर्व प्रधान दयाराम जाखड़ एवं जयदेव भिड़ासरा ने रोहित स्वामी की पहल को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि यह आयोजन जातीय दीवारें गिराकर समरसता का नया अध्याय रचता है। पीसीसी सदस्य भूपेंद्र चौधरी और समाजसेवी विक्रम स्वामी ने भी कहा कि अगर हर पंचायत इस तरह की सोच के साथ आगे आए तो शिक्षा और सामाजिक चेतना की नई क्रांति संभव है।
इस आयोजन की खास बात यह रही कि इसमें केवल विद्यार्थियों को सम्मानित नहीं किया गया, बल्कि पूरे गांव में शिक्षा के प्रति सकारात्मक संदेश प्रसारित करने का प्रयास किया गया। इस समारोह में पीसीसी सचिव मनीष मक्कासर, सहजीपुरा सरपंच संदीप सिंह सिद्धू, डीसीसी प्रवक्ता अश्विनी पारीक, कृष्ण नेहरा, पूर्व उपप्रधान अमर सिंह, रामेश्वर चांवरिया, मांगीलाल स्वामी (सरपंच), महेंद्र खिलेरी (सरपंच फतेहगढ़ खिलेरी), पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष राजेश पुरी, डीसीसी संगठन महामंत्री गुरमीत चंदड़ा, यश चिलाना, रोहित जावा, संदीप सियाग, शेखर सैनी, चंदन मोंगा, पीयूष मोंगा, जगपाल बराड़, विजेंद्र जिनागल, राजीव वर्मा, गिरधारीलाल (सरपंच ठुकराना) समेत अनेक गणमान्य जन उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का समापन विद्यार्थियों द्वारा प्रस्तुत देशभक्ति गीतों के साथ हुआ। जब ‘वन्दे मातरम्’ और ‘जन गण मन’ की स्वर लहरियों से सभागार गूंज उठा, तो पूरा वातावरण जोश, गर्व और उम्मीद से भर गया। यह समारोह केवल सम्मान का अवसर नहीं था, बल्कि ग्रामीण भारत में शिक्षा और सामाजिक समरसता की नई कहानी लिखने का आरंभ भी था। इस पहल के लिए पूर्व सरपंच एवं वर्तमान प्रशासक रोहित स्वामी को क्षेत्र में मुक्तकंठ से सराहा जा रहा है। अमरपुरा थेहड़ी ने यह साबित कर दिया कि यदि इच्छाशक्ति हो तो जाति और धर्म की सीमाओं को पार करते हुए गांव-गांव में शिक्षा क्रांति की मशाल जलाई जा सकती है।



